back pain in women

महिलाओं के कमर दर्द के कारण और रामबाण इलाज

महिलाओं में कमर दर्द आजकल आम बात हो गयी है, आइये देखते हैं क्या हैं महिलाओं के कमर दर्द के कारण, कैसे पा सकतें हैं आप राहत (kamar dard ka ilaj) और किन किन बातों का आप ध्यान रखें और क्या है कमर दर्द का रामबाण इलाज।

कमर या पीठ दर्द के इलाज (kamar dard ka ilaj) के लिए सर्जरी की शायद ही कभी जरूरत पड़ती है। पीठ दर्द मांसपेशियों में दर्द से लेकर शूटिंग, जलन या छुरा घोंपने तक हो सकता है। इसके अलावा, दर्द आपके पैर को विकीर्ण कर सकता है या झुकने, मुड़ने, उठाने, खड़े होने या चलने से खराब हो सकता है।

महिलाओं के कमर के नीचले हिस्से में दर्द की क्या है वजह?

reason for pain in the lower back of women

कमर के निचले हिस्से में दर्द पीएमएस का एक सामान्य लक्षण है। यह एक ऐसी स्थिति है जो ज्यादातर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान अनुभव करती हैं। हालांकि गंभीर पीठ के निचले हिस्से में दर्द पीएमडीडी और डिसमेनोरिया जैसी स्थितियों का लक्षण हो सकता है।

यह एंडोमेट्रियोसिस नामक अधिक गंभीर स्थिति का लक्षण भी हो सकता है। महिलाओं में कई स्थितियां अधिक सामान्य और अनन्य हो सकती हैं। पीठ दर्द से संबंधित समस्याएं आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद की उम्र 50 वर्ष से ऊपर में देखी जाती हैं। महिलाओं में पीठ दर्द के सामान्य कारणों और उनके होने के कारणों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।

आइएं जानते है महिलाओं में कमर दर्द के कारण (Kamar Dard ke Karan)

10 major causes of back pain in women

महिलाओं के कमर (पीठ) दर्द के कई कारण है। पीठ दर्द अब तक लोगों के लिए सबसे आम स्वास्थ्य समस्या है जो मुख्य रूप से गलत मुद्रा और खराब जीवन शैली के कारण होता है। बुज़ुर्ग लोगों में पीठ दर्द आम है। महिलाओं मे विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में पुरुषों की तुलना में पीठ में दर्द की संभावना अधिक होती है। अक्सर समस्या की गंभीरता की अनदेखी और उचित पीठ दर्द उपचार की कमी दर्द को बढ़ाती है और परिणामस्वरूप गंभीर समस्या बन जाती है। आइएं जानते है महिलाओं के कमर दर्द के कारण के बारे में।

1. मासिक धर्म के कारण कमर दर्द:

मासिक धर्म के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे कई महिलाओं को कमर में दर्द होता है। इस दर्द को डिस्मेनोरिया कहा जाता है। जब गर्भाशय संकुचन करता है, तो यह दर्द अधिक महसूस होता है। इस समय शरीर में हो रहे ये परिवर्तन कई बार काफी असहजता पैदा कर सकते हैं।

2. गर्भावस्था के कारण कमर दर्द:

गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जैसे वजन बढ़ना और शरीर का संतुलन बदलना। इसके साथ ही, हार्मोन रिलैक्सिन के कारण हड्डियाँ और जोड़ों में लचीलापन आता है, जिससे दर्द हो सकता है। इस दौरान कमर का दर्द भी आम है, खासकर जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है।

 3. पीसीओएस (PCOS):

पीसीओएस एक हार्मोनल असंतुलन है, जिसमें अंडाशय में छोटे-छोटे फॉलिकल्स बनते हैं। इससे शरीर में कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे वजन बढ़ना और कमर में दर्द। यह दर्द कभी-कभी गंभीर हो सकता है और इससे महिला की जीवनशैली पर भी प्रभाव पड़ता है।

 4. ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कमर दर्द:

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट सकती हैं। जब हड्डियाँ कमजोर होती हैं, तो कमर में दर्द होना आम है। यह विशेष रूप से उम्रदराज लोगों में देखा जाता है।

 5. डिस्क समस्या के कारण कमर दर्द:

रीढ़ की हड्डी में डिस्क का फिसलना या उभड़ना भी कमर दर्द का एक प्रमुख कारण हो सकता है। जब डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है, तो यह नसों पर दबाव डाल सकती है, जिससे तीव्र कमर दर्द महसूस होता है। यह स्थिति बहुत ही असुविधाजनक होती है।

 6. स्नायु चोट के कारण कमर दर्द:

कभी-कभी मांसपेशियों या स्नायुओं में चोट लग जाती है, जैसे दुर्घटनाओं या भारी वजन उठाने के कारण। इस तरह की चोट से कमर में दर्द होता है। यह दर्द अचानक शुरू हो सकता है और कई दिनों तक रह सकता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं।

 7. रुमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis):

रुमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। यह बीमारी कमर में भी दर्द पैदा कर सकती है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों पर हमला करती है, जिससे सूजन और असहजता होती है।

8. किडनी की समस्या (Kidney problems) के कारण कमर दर्द:

आप दो किडनी के साथ पैदा हुए है। जो आपकी रीढ़ के दोनो ओर और आपकी कमर के ठीक ऊपर है। अगर आपकी किडनी खराब हो जाती है तो आपके शरीर में अपशिष्ट उत्पाद और तरल पदार्थ जमा हो सकते हैं। जिसकी वजह से आपको विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना जैसेसूजन, जी मिचलाना, कमजोरी, खराब नींद और सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। बिना इलाज के क्षति खराब हो सकती है, और आपके गुर्दे अंततः काम करना बंद कर सकते हैं। यह गंभीर है और यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

9. स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis) के कारण कमर दर्द:

यह सामान्य तौर पर रीढ़ की हड्डी होती है। यह रीढं से जुड़ी समस्याओं के विपरीत आता है। धीरेधीरे यह खराब भी हो जाता है। कभी कभी यह बहुत ज्यादा ही दर्द करने लगता है। स्पाइनल स्टेनोसिस का इलाज आमतौर पर कोमल व्यायाम और गतिविधि में बदलाव के संयोजन से किया जाता है। आप देख सकते हैं कि स्पाइनल स्टेनोसिस के कुछ लक्षणों को बैठने या लेटने, आगे की ओर मुड़ी हुई स्थिति बनाए रखने, या स्पाइनल स्टेनोसिस के लक्षणों को लाने वाली कुछ गतिविधियों से बचने से राहत मिल सकती है। गंभीर मामलों में, दर्द से निपटने और असुविधा को कम करने के लिए स्पाइनल एपिड्यूरल इंजेक्शन का उपयोग किया जा सकता है। घंटों पर एक जगह बैठे रहने से भी महिलाओं में कमर दर्द का कारण बनता है।

10. गठिया (Gout) के कारण कमर दर्द:

जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तब यह बीमारी होती है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं और शरीर में हड्डियों के जोड़ों में जम जाते हैं हिंदी में इसे वातरक्त भी कहा जाता है। मुख्य रुप से अगर देखा जाए तो यह शरीर में हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करता है। हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर और मोटापा गठिया का जोखिम बढ़ाने वाले मुख्य कारक हैं। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है। इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं, जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

कमर दर्द के अन्य कारण

अधिक वजन का होना (Overweight):

अधिक वजन का होना या मोटापा भी कमर दर्द का कारण है। जब शरीर में वसा अधिक मात्रा में जमा हो जाता है, तब मोटापे की शिकायत होती है। चूंकि मोटापे से शरीर भारी हो जाता है, इसलिए कमर दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है। आपकी थोड़ी सी लापरवाही, जीवन शैली को मेन्टेन न करना महिलाओं में कमर दर्द का कारण बनता है।

तनाव (Stress):

आज के समय में तनाव के बगैर जिंदगी की कल्पना नही की जा सकती है। मनोवैज्ञानिक तनाव हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा होता है,जो व्यक्तित्व विकास के लिए सहायक होता है। लेकिन अगर यह तनाव अधिक मात्रा में होने लगे तब मनोचिकित्सा की आवश्यकता पड़ सकती है। मानसिक तनाव लंबे समय तक मांसपेशियों में तनाव और ऐंठन पैदा कर सकता है। यह तनाव कमर दर्द को बढ़ाने में सहायक होता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारे शरीर की मांसपेशियाँ कठोर हो जाती हैं, जिससे दर्द महसूस होता है।

सही तरीके से न बैठना:

अक्सर हम काम करते वक्त ,टीवी देखते वक्त, गेम खेलते वक्त अपने बैठने के तरीके को हर वक्त बदलते रहते है, जो हमारे शरीर में होने वाली समस्या का कारण बनता है। सही तरीके से न बैठना भी कमर दर्द के कई कारणों मे से एक है।

एक्सराइज़ (exercise) न करना:

महिलाओं के कमर दर्द के कारण एक्सरसाइज ना करना भी हो सकता है| अगर आप पीठ दर्द से परेशान है तो व्यायाम इसके लिए लाभकारी हो सकता है। व्यायाम पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द के लिए ज्यादा लाभकारी है। अगर आप दिनभर काम करते है और ऊपर से अगर शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने लगे तो वह बदतर हालात बना देती है। दर्द के कारण हम शरीर को हिलानेडुलाने में सक्षम नहीं होते हैं। एक संपूर्ण व्यायाम कार्यक्रम में पीठ और शरीर की स्ट्रेचिंग, मजबूती और एरोबिक कंडीशनिंग शामिल है। यह व्यायाम महिलाओं के कमर दर्द के उपाय के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्ट्रेचिंग व्यायाम आपकी रीढ़ की गतिशीलता को बहाल करने में मदद करते हैं, क्योंकि दर्द और सुरक्षात्मक ऐंठन के साथ रीढ़ कठोर हो जाती है।

कमर दर्द का रामबाण इलाज (kamar dard ka ilaj) - आपको तत्काल राहत मिलेगा

आज की जीवन शैली में आप में से बहुत सी महिलाओं में कमर दर्द होना आम बात हो गया है।  कभी कभी कमर दर्द इतना बाद जाता है कि बिस्तर से उठा भी नहीं जाता। महिलाओं के कमर दर्द का घरेलु उपचार सरल पूर्वक भी हो सकता हैं। कमर दर्द के लिए लौंग से बना बाम काफी लाभदायक होता है। आप महुआ का तेल या हल्दी और चुने के लेप भी लगा सकते हैं। कमर दर्द में इन तेलों का नसों में अच्छे से मालिश करें। उम्मीद है आपको कुछ ही समय में आराम मिल जायेगा। कमर में दर्द किसी भी वजह से हो सकता है, जैसे ज्यादा भारी सामान उठाने पर, हेवी वर्कआउट से, ज्यादा देर तक बैठे रहने से आदि। दर्द की स्थिति में किसी भी चीज पर ध्यान नहीं लगाते बनता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय कमर दर्द का रामबाण इलाज हैं (ladies kamar dard ka ilaj)। आइये नज़र डालते हैं महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार पर

1. लहसुन (Garlic)

लहसुन की 8 से 10 कलियां लें और इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को कमर पर लगाएं। गर्म पानी में एक तौलिया डुबाएं और उसे निचोड़ लें। इस टॉवल को लहसुन पेस्ट लगे कमर के हिस्से के ऊपर रख दें। 20-30 मिनट रखने के बाद कमर के हिस्से को साफ कर लें। ऐसा करने से आपको कमर दर्द में तत्काल राहत मिलेगा।

2. अदरक (Ginger)

एक से दो इंच का अदरक का टुकड़ा लें और उसे पीस लें। इसे एक कप गर्म पानी में डालें और साथ में एक टीस्पून शहद मिलाएं। इसे चुसकियां लेकर पिएं। अदरक में जिंजरोल नाम का कंपाउंड होता है जिसमें सूजन कम करने और कमर दर्द में राहत देने के गुण होते हैं।

3. हल्दी (Haldi)

दर्द चाहे जैसा भी हो उसमें हल्दी कारगार साबित होती है। एक ग्लास गर्म दूध में एक टीस्पून हल्दी पाउडर मिलाएं और धीरे-धीरे इसे पिएं। रात को इसे पी कर सो जाएं और सुबह आपका कमर दर्द गायब हो चुका होगा।

4. एप्सम सॉल्ट (Epsom salt)

एक कटोरी एप्सम सॉल्ट को हल्के गर्म पानी से भरे बाथटब में डालें। जब तक पानी की गर्माहट रहे तब तक बाथटब में रहे। बाहर निकलते ही आप कमर दर्द में कमी महसूस कर सकेंगे।

5. तुलसी (Tulsi)

तुलसी भी आपको कमर दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिला सकती है। इसके लिए आप एक कप पानी में तुलसी की 8-10 पत्तियां डालकर उसे तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न हो जाए। उसके बाद उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। फिर उसमें एक चुटकी नमक डालकर पीएं। रोजाना इसका सेवन आपको कमर दर्द से लंबे समय के लिए आराम दिला सकता है। आशा करते हैं महिलाओं के कमर दर्द का इलाज काफी लाभदायक सिद्ध होंगे।

कौन सा पिलो कमर दर्द में लाभदायक है (Kamar Dard ka Ilaj)

1. लम्बर सपोर्ट बैक पिलो

Lumbar Support Back Pillow

इसकी डिज़ाइन पीठ को सही और आरामदायक स्थिति में रखती है। इसके इस्तेमाल से पीठ के निचे हिस्से में दर्द नहीं होता। चाहे आपके पीठ में दर्द उम्र के कारण हो, या चोट के कारण हो, Lumbar support back pillow आपके लिए लाभदायक है। इस पर बैठने का प्रयास करें, यह आपके लिए कमर दर्द में लाभदायक होगा।

2. हाफ मून पिलो

half moon pillow

Half moon pillow बैक पेन में रिलीफ देता है| शोल्डर, नेक पेन प्रोटेक्शन में भी अत्यंत लाभदायक है| चिकित्सक, डॉक्टरों और खेल प्रशिक्षकों द्वारा यह पिलो काफी सराहनीय है। आप पैरों को ऊपर उठाने के लिए स्लीप्सिया हाफ मून पिलो का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप पीठ के निचले हिस्से को पर्याप्त सहारा देने के लिए इसे अपनी कमर के नीचे रख सकते हैं। यह बैक और साइड स्लीपर्स दोनों के लिए आदर्श है और कुर्सी या सोफे पर बैठकर लम्बर सपोर्ट के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका कवर काफी कोमल है और यह प्रीमियम सपोर्ट देता है।

वैसे यह बात समझ लीजिएं कि महिलाओं और पुरुषों में कमर दर्द से आप अगर राहत पाना चाहते है तो इस ब्लॉग को पढ़कर आप काफी बदलाव ला सकते हैं। कमर दर्द से जुड़ी जो भी बातें बताई गई है। अगर आप उसे अपने जीवन मे उतारते है तो तत्काल आप इससे राहत भी पा सकते हैं।

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